देश में जारी कोरोना संकट के बीच अबू धाबी से एक विशेष विमान के ज़रिए 177 भारतीय कोच्चि आ गए हैं. इनमें 49 प्रेग्नेंट महिलाएं भी हैं. ये सभी भारतीय लॉकडाउन के चलते वहां फंसे थे. केंद्र सरकार ने विदेश से भारतीयों को वापस लाने के लिए एक बड़ा मिशन शुरू किया है. इसे वंदे भारत मिशन नाम दिया गया है.
भारत का ये 'वंदे भारत मिशन' दुनिया के सबसे बड़े हवाई बचाव कार्यों में से एक है. इस दौरान कुल मिलाकर 1लाख 90 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिकों को इस एयरलिफ्ट ऑपरेशन के तहत वापस लाए जाने की उम्मीद है, जिन्हें एक तरफा उड़ान सेवा शुल्क देना होगा.
इसकी तुलना में अगर तीन दशक पहले के ऑपरेशन की बात करें तो एयर इंडिया ने एयरलाइनों के एक ग्रुप का नेतृत्व किया था, जिसमें करीब 1 लाख 11 हजार 711 भारतीयों को वापस लाया गया था. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना शामिल थी. यह उस समय की बात है जब इराक ने 1990 में कुवैत पर हमला कर दिया था और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना पड़ा था. उस 59 दिवसीय ऑपरेशन में 488 उड़ानें शामिल हुई थीं और यह पहले खाड़ी युद्ध से पहले आयोजित किया गया था.
यूएई के अबू धाबी से भारतीयों को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट कोच्चि पहुंची. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर के जरिए बताया कि मिशन वंदे भारत की शुरुआत हो चुकी है. पहली दो फ्लाइट भारतीयों को यूएई से लेकर आ चुकी है.
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक 181 यात्रियों के साथ पहली फ्लाइट कोच्चि में लैंड हुई. इनमें 177 यात्री के साथ 4 शिशु शामिल हैं. वहीं 182 यात्रियों के साथ दूसरी फ्लाइट केरल के कोझिकोड पहुंची. इसमें 177 यात्रियों के साथ 5 शिशु शामिल हैं.
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