मेघालय और असम के बीच 50 सालाें से सीमा विवाद चल रहा है. जिस पर आज दाेनाें राज्याें के सीएम ने मुलाकात की. इस दाैरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा कि वह असम के अपने समकक्ष हिमंत बिस्व सरमा के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से गुरुवार को मिलेंगे और उन्हें छह इलाकों में सीमा विवाद के हल के लिए पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों की सिफारिश सौंपेंगे.
बता दें कि संगमा ने संवाददाताओं को बताया कि यह मुलाकात गुरुवार की शाम नई दिल्ली में होगी. मेघालय मंत्रिमंडल की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संगमा ने यह घोषणा की. बैठक में, उनकी सरकार द्वारा सीमा विवाद पर गठित तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों को मंजूरी दी गई.
उन्होंने कहा कि मेघालय की क्षेत्रीय समितियों और असम सरकार की सिफारिशें केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगे की कार्रवाई के लिए दी जाएंगी. संगमा ने कहा, ‘‘असम के मुख्यमंत्री और मैं बृहस्पतिवार की शाम (छह बजे के बाद) दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे. हम कम से कम एक साझा रिपोर्ट सौंपेंगे और तब मुझे लगता है कि भारत सरकार को कानून के मुताबिक आगे बढ़ना होगा.’’
उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद गृह मंत्रालय एक निष्कर्ष को अंतिम रूप देगा. उन्होंने कहा कि सीमांकन, संसदीय प्रक्रिया के बाद किया जाएगा. संगमा ने कहा, ‘‘भारतीय सर्वेक्षण विभाग को आना होगा और संयुक्त अवलोकन करना पड़ सकता है तथा विधेयक भी पारित करना होगा.’’
उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सीमावर्ती इलाकों में गांवों पर सहमत हो गए हैं तथा नदियों और वनों सहित प्राकृतिक सीमाओं की पहचान कर ली गई है. मतभेद वाले छह स्थानों पर 36 गांव है, जिनका कुल क्षेत्रफल 36.79 वर्ग किमी है. संगमा ने कहा कि सीमा विवाद 50 वर्षों से है और इसका हल करना मुश्किल कार्य है लेकिन दोनों राज्यों की कोशिशों के चलते हम एक समाधान पर पहुंच गए हैं.
गाैरतलब है कि इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि मेघालय के साथ सीमा विवाद के छह क्षेत्रों में सौहार्दपूर्ण समाधान का खाका तैयार कर लिया गया है. दोनों राज्य सरकारों ने शीर्ष स्तर पर विचार-विमर्श के जरिए रास्ता निकाला है.
सरमा ने कहा कि असम-मेघालय सीमा विवाद को सुलझाने के हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं क्योंकि पहले चरण में 12 विवादास्पद क्षेत्रों में से छह को सुलझाने के लिए चिन्हित किया गया है. पहले चरण में जिन क्षेत्रों को अंतिम समाधान के लिए चुना गया है, उनमें हाहिम, गिजांग, ताराबाड़ी, बोकलापारा, खानापारा-पिलिंगकाटा और रातचेरा शामिल हैं.
उन्हाेंने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों वाली तीन क्षेत्रीय समितियों की सिफारिशों के आधार पर सौहार्दपूर्ण समाधान का रोडमैप तैयार किया गया है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्तर की कई दौर की बातचीत के बाद हम इस चरण में पहुंचे हैं. बैठक के दौरान कांग्रेस, माकपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट जैसे राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.