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कांग्रेस के साथ हो गया बड़ा खेला ... कद्दावर नेता जितिन प्रसाद ने ओढ़ लिया भगवा तथा जुड़ गए बीजेपी के साथ

जितिन प्रसाद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता था. लेकिन, कुछ वक्त से वह कांग्रेस पार्टी में हाशिये पर थे.

Abhay Pratap
  • Jun 9 2021 2:15PM

2022 की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले ही सत्तारूढ़ बीजेपी समेत सभी पार्टियां अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं. लेकिन कांग्रेस के बुरे दिन ख़त्म होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. खबर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के साथ बड़ा खेला हो गया है. कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.

बीजेपी नेता और केंंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इसके बाद जितिन प्रसाद ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की जिन्होंने पार्टी का गमछा पहनाकर उनका बीजेपी में स्वागत किया. बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले जितिन प्रसाद के पिता स्वर्गीय जितेन्द्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम करने वाले जितिन प्रसाद को कांग्रेस में साल 2001 में युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद अपनी गृह सीट शाहजहांपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे.

साल 2008 में जितिन प्रसाद भरोसा जताते हुए उन्हें मनमहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद जितिन प्रसाद 2009 के चुनाव में यूपी की धौरहरा सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे. लेकिन इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश की धौरहरा सीट पर तीसरे स्थान पर रहे. बता दें कि जितिन प्रसाद काफी लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे.

जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी के उन 23 नेताओं में भी शामिल थे जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. प्रसाद यूपी कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी चाहते थे लेकिन उन्हें पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा था.  जितिन प्रसाद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता था. लेकिन, कुछ वक्त से वह कांग्रेस पार्टी में हाशिये पर थे. हालांकि उन्होंने इसे लेकर कोई खुला विरोध नहीं किया था, लेकिन वो लगातार पार्टी से खुश न रहने का संकेत दे रहे थे. अंत में आज उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.

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