भारतमाता के मणिमुकुट कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में चार दिन के दौरे के आखिरी दिन परिसीमन आयोग ने तमाम प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है. दौरे के आखिरी दिन चुनाव आयोग के साथ मौजूद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि परिसीमन निर्धारण के बाद राज्य में 7 विधानसभा सीट बढ़ेंगी. सुशील चंद्रा ने यह भी कहा कि आयोग के ड्राफ्ट को जनता के बीच रखा जाएगा और इसपर आपत्तियां भी मांगी जाएंगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की 7 और सीटों को जोड़ने के लिए पूरी प्रक्रिया की जा रही है. परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में कुल सीटें 83 से बढ़कर 90 सीटें हो जाएगी. साथ ही अगले साल मार्च तक ये प्रकिया पूरी हो जाएगा. सुशील चंदन ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया 2011 की जनगणना के आधार पर की जाएगी. हमने सभी निर्वाचन क्षेत्रों का डेटा और मानचित्र संग्रह शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हमने सभी डीओ और डीसी के साथ वर्चुअल मीटिंग की है. हम सभी डेटा एकत्र करने और विभिन्न पहलुओं की देखभाल करने की कोशिश कर रहे हैं. निर्वाचन क्षेत्रों में जिलों के साथ-साथ तहसीलों का ओवरलैपिंग है. सुशील चंद्रा के मुताबिक, परिसीमन एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन ये बेहद ज़रूरी है. हमें जम्मू-कश्मीर में सात नई सीटें जोड़नी हैं, साथ ही एसटी के लिए भी सीटें आरक्षित की जाएंगी. उन्होंने कहा इस प्रक्रिया में पीओके के लिए रिक्त 24 सीटों पर गौर नहीं किया जा रहा है क्योंकि यह परिसीमन आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
हम सभी लोगों की राय लेना चाहते हैं और उसके बाद ही हम अंतिम ड्राफ्ट तैयार करेंगे. हमारे काम को गति मिली है और हम अपना काम पारदर्शिता और न्यायिक तरीके से करेंगे. पीडीपी के बहिष्कार पर रिटायर्ड जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई ने कहा कि हमें खुले दिल से आना होगा, यहां सभी से मिलने का स्वागत है. अगर कोई हमसे नहीं मिलता है तो हम क्या कह सकते हैं. हम अपनी पहली यात्रा में 800 लोगों और 290 प्रतिनिधिमंडलों से मिले हैं. 1995 में, 12 जिले थे. ये संख्या अब 20 हो गई है. तहसीलों की संख्या 58 से बढ़कर 270 हो गई है.
उन्होंने कहा कि 12 जिलों में निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को जिले की सीमा से आगे बढ़ाया गया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पहला पूर्ण परिसीमन आयोग 1981 में गठित किया गया था जो 1995 में 14 साल बाद अपनी सिफारिश प्रस्तुत कर सकता था. ये 1981 की जनगणना पर आधारित था. उसके बाद से कोई परिसीमन नहीं हुआ. साथ ही कहा कि हमने अलग-अलग स्थानों का दौरा किया और कश्मीर और जम्मू दोनों संभागों में निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की, जिसमें 290 ग्रुप और व्यक्ति, पंजीकृत दल और संगठन थे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमसे मिलने वाले सभी लोग खुश हैं कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया हो रही है. हमसे मिलने वाले सभी लोगों ने सुझाव दिए. कुछ ग्रुप ने अपने लिए आरक्षण की मांग की. ये गणितीय अभ्यास नहीं है. एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा और उस पर चर्चा की जाएगी और फिर सार्वजनिक डोमेन में ले जाया जाएगा.