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NPR को अपडेट करने का काम रुका, जनगणना में होगी एक साल की देरी!

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लगता है कि जनगणना और एनपीआर को पूरा करने में एक साल की देरी हो सकती है.

Abhishek Lohia
  • Aug 30 2020 7:40PM

कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. देश में आए दिन रिकार्ड संख्या में नए कोरोना पीड़ित सामने आ रहे हैं. इस महामारी का असर लोगों के जीवन में काफी बड़े पैमाने पर हुआ है. जनगणना (Census) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का काम इस साल होना था लेकिन महामारी के चलते इसमें देरी हो गई है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लगता है कि जनगणना और एनपीआर को पूरा करने में एक साल की देरी हो सकती है.

भारतीय जनगणना दुनिया की सबसे बड़ी प्रशासनिक और सांख्यिकीय एक्सरसाइज में से एक है. इस काम में 30 लाख से अधिक अधिकारी हिस्सा लेते हैं जो देशभर में हर एक घर जाकर आंकड़े इकट्ठा करते हैं.

‘कोरोना के चलते 2020 में नहीं होने वाला काम’

एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “जनगणना फिलहाल आवश्यक एक्सरसाइज नहीं है. अगर इसमें एक साल की देरी भी हो जाती है तो इससे कोई नुकसान नहीं होने वाला है. जनगणना 2021 का पहला चरण और एनपीआर को अपडेट करने का काम कब होगा, इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि, इतना तय समझिए कि कोरोना महामारी के चलते यह काम 2020 में नहीं होने वाला है.”

1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच होनी थी एक्सरसाइज

जनगणना का हाउस-लिस्टिंग फेज और एनपीआर को अपडेट करने की एक्सरसाइज इस साल 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच होनी थी, जिसे कोरोना के चलते टाल दिया गया. अधिकारी ने कहा, “इस काम में लाखों अधिकारियों की जरूरत होती है, जिन्हें हर एक परिवार तक पहुंचना होता है. ऐसे में कोरोना काल में लोगों की सेहत को हम रिस्क पर नहीं डाल सकते हैं.”

देश में 35 लाख से अधिक कोरोना पीड़ित

देश में रविवार को 78,761 नए मामले और 948 मौत के साथ देश में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या 35,42,733 पर पहुंच गई है. वहीं देश में अब तक 63,498 लोगों की इस बीमारी के कारण मौत हो चुकी है. ये आंकड़े स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं. देश में वर्तमान में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 7,65,302 है. अब तक कुल 27,13,933 मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं. इसके बाद अब रिकवरी दर 76.47 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.81 प्रतिशत हो गई है.

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