आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी के विपक्ष पर मुस्लिम वोट बैंक के लिए ‘गुलामी’ और ‘मुजरा’ करने का आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी का अपनी भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं है और ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने बार-बार कहा है कि पीएम मोदी की भाषा इतने ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की नहीं लगती.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ''उनका अपनी वाणी पर कोई नियंत्रण नहीं है. देश का प्रधानमंत्री अगर ये भाषा बोल रहे हैं तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है. सांसद ने आगे कहा, ''एक ऐसा व्यक्ति जिनका अपनी भाषा के ऊपर नियंत्रण नहीं है. कभी 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड बोलता है. कभी जर्सी गाय बोलता है.
उन्होंने कहा कि, कभी कांग्रेस की विधवा बोलता है. कभी शरद पवार को भटकती आत्मा बोलते हैं. कभी अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी और खालिस्तानी और बदनसीब बोलते हैं. मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री अपना आपा खो चुके हैं और वो इस तरह की बातें कर रहे हैं. देश में कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा है. ये उनकी हार की हताशा की शब्दावली है. मैं फिर दोहरा रहा हूं कि ये प्रधानमंत्री की भाषा नहीं है.
सांसद ने कहा, आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी बहुत ही खतरनाक पार्टी है. इनके मन में आज से नहीं बल्कि साल 1949 से बसा हुआ है कि भारत का संविधान बदलना है. देश का संविधान खत्म करना है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के संविधान को समाप्त करने के इनका मकसद है. आरएसएस और बीजेपी 1949 से विरोध कर रही है. तब जनसंघ थी और बाद में बीजेपी. देश में 1989 में आरक्षण जब लागू हुआ, उस समय पूरे देश में नंगा नाच किया. मंडल कमिशन जब लागू हुआ तो बीजेपी ने खूब विरोध किया.