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उत्तर प्रदेश में ओवैसी की पार्टी ने गठबंधन करेगी BSP? मायावती ने किया बड़ा एलान

उत्तर प्रदेश में औवेसी की पार्टी AIMIM व BSP के मिलकर चुनाव लड़ने की खबर चल रही थी जिसका पार्टी सुप्रीमो Mayawati ने जोरदार खंडन किया है.

Abhay Pratap
  • Jun 27 2021 11:20AM

2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी तिकड़मबाजी शुरू हो चुकी है. सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ ही विपक्षी सपा व् बसपा जैसी पार्टियाँ भी चुनावी मोड में नजर आ रही हैं. इस बीच बहुजन समाज पार्टी BSP प्रमुख मायावती ने आगामी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मायावती ने कहा है कि बसपा दोनों राज्यों में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी तथा अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में औवेसी की पार्टी AIMIM व BSP के मिलकर चुनाव लड़ने की खबर चल रही थी जिसका पार्टी सुप्रीमो Mayawati ने जोरदार खंडन किया है. रविवार सुबह मायावती ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मीडिया के एक न्यूज चैनल में यह खबर प्रसारित की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा आमचुनाव AIMIM व बीएसपी मिलकर लड़ेगी. इस खबर की बात करें तो यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है. इस खबर में रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है तथा बीएसपी इसका जोरदार खण्डन करती है.

अगले ट्वीट में मायावती ने लिखा कि वैसे इस संबंध में पार्टी द्वारा एक बार फिर यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड प्रदेश में अगले वर्ष के शुरू में होने वाला विधानसभा का यह आमचुनाव बीएसपी किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गंठबंधन करके नहीं लड़ेगी…इसका मतलब यह है कि बसपा अकेले ही चुनावी समर में उतरेगी.

इस संबंध में मायावती ने रविवार सुबह एक के बाद एक चार ट्वीट किये और आगे कहा कि बीएसपी के बारे में इस किस्म की मनगढ़न्त व भ्रमित करने वाली खबर पर हमारा ध्यान है. यही वजह है कि अब बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र को बीएसपी मीडिया सेल का राष्ट्रीय कोओर्डिनेटर बना दिया गया है. साथ ही, मीडिया से भी यह अपील है कि वे बहुजन समाज पार्टी व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष आदि के संबंध में इस किस्म की भ्रमित करने वाली अन्य कोई भी गलत खबर लिखने, दिखाने व छापने से पहले जानकारी पुष्ट कर लें.

मायावती ने कहा कि बसपा के संबंध में किसी भी प्रकार की खबर दिखाने या छापने के पहले श्री एस.सी. मिश्र से उस सम्बंध में सही जानकारी जरूर प्राप्त कर लें. गौरतलब है कि चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती के सियासी भविष्य के लिए 2022 का चुनाव अहम माना जा रहा है. 2012 के चुनाव की बात करें तो इसमें समाजवादी पार्टी से उनकी पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी. वहीं 2017 में भाजपा ने उनको पटखनी दी थी.

उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई और उसका मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी खत्म हो गया था. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने अखिलेश यादव की सपा से गठबंधन किया और 10 सीटों पर जीत प्राप्त की. यहां आपको बता दें कि चुनाव के बाद ये गंठबंधन टूट गया और दोनों पार्टियां एक बार फिर अलग-अलग राह पर चल रहीं हैं.

 

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