उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी, जिसे कल तक शायद कुछ लोग ही जानते थे आज 'किसान आंदोलन' और अपनी राजनीती चमकाने का एक नया पड़ाव बन गया है। बीते दिन लखीमपुर में हुए 'हिंसक संग्राम' में न सिर्फ किसान संगठन के किसान बल्कि 4 अन्य लोगो की जान गई है। जानकारी के मुताबिक, ये 4 लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे। लेकिन इन 4 कार्यकर्ताओ की बात न करके सारी 'पोलिटिकल पार्टियों' के बड़े चेहरे 'पोलिटिकल पर्यटन' करने के लिए खीरी पहुंचकर सिर्फ किसानो के परिवार के साथ ही क्यों मिलना चाह रहे है।
सवाल ये है की आखिर मौत के बदले मौत वाली ये सियासत कैसी? आखिर किसी की मौत पर विपक्षी पार्टियां अपनी सियासत की रोटी सेकने की बात आखिर कैंसे कर सकती है।
लखीमपुर खीरी से इधर कुछ विक्षुब्ध कर देने वाले वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ लोगों को मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। ये ‘किसान प्रदर्शनकारी’ लाठी-डंडे लेकर लोगों को पीट रहे हैं। तथाकथित ‘किसानों’ का कहना है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने जबरदस्ती ‘आंदोलनकारियों’ के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें कुचल दिया। ये अभी साफ़ नहीं है कि वीडियो में जिस व्यक्ति की पिटाई हुई है, उसकी क्या स्थिति है।
मामले की तह तक जाएंगे, आरोपियों को बख्शा नहीं जाएंगे : सीएम योगी
लखीमपुर खीरी मामले को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीती रात हाईलेवल मीटिंग की, जिसमें यूपी के डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे. सीएम योगी ने बयान जारी कर हिंसा पर दुख जताया है और कहा है कि जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
स्थिति नियंत्रण में
प्रशासन का कहना है कि स्थिति फ़िलहाल नियंत्रण में है। सरकार ने अपर मुख्य सचिव (कार्मिक एवं कृषि), एडीजी (कानून-व्यवस्था), लखनऊ के आयुक्त एवं आईजी को मौके पर कैम्प करने के लिए भेजा है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो घरों में रहें और किसी के बहकावे में न आएँ। मौके पर शांति-व्यवस्था कायम करने में लोगों का योगदान माँगते हुए सलाह दी गई है कि जाँच से पहले वो किसी निष्कर्ष पर न पहुँचें।