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जहां आज के जमाने मे सामान्य व्यक्ति अपने पूरे प्रभाव को लगाते हुए अपने परिजन को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नही बना पाता वहीं मुख्तार के ही प्रभाव के चलते उसके भाई अफ़ज़ाल तक को राजनीति की वो कुर्सी आसानी से मिल गयी थी जिसके लिए कईयो ने अपने पूरे जीवन भर मेहनत की होती है ..