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प्रेमजी ने कहा कि अगर कानून में बदलाव किया जाता है तो प्रवासी मजदूरों की हालत और दयनीय हो जाएगी। उन्होंने ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (जैसे मनरेगा) की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम लाने की वकालत की।