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‘ऐंटी रोमियों स्क्वाड‘ भी मौके पर कहीं दिखाई नहीं पड़ता है। भाजपा सरकार का ‘महिला सशक्तीकरण‘ का दावा भी दूसरे वादों की तरह फेल साबित नजर आ रहा है।