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प्रदेश सरकार की ओर से दावा किया गया है कि हाथरस की घटना के बाद राज्य में अचानक कई ऐसी वेबसाइट बनकर तैयार हो गईं। जिनका मकसद जातीय तौर पर लोगों को भड़काना है।