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ग्रामीण काश्तकारों का का कहना है कि उनके खेतो का कोई मुहावजा नही मिला उनके डेली यूज के रास्तों को सड़क निर्माण में काट दिया गया है और ठेकेदारों द्वारा उनको पुनः नही बनाया जा रहा है