सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे
शिंदे गुट की ओर से इस मामले में याचिका दायर की गई थी और 16 विधायकों को मिले नोटिस को अवैध करार दिया गया था। जिसके बाद उद्धव गुट ने भी अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश करी थीं।