सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे
पिछले 10 से 12 दिनों में हुई मौत के आंकड़ों की बात की जाए, तो रोजाना 1000 से ज़्यादा मौतें इस मुल्क में हो रही हैं.