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इस मामले में लश्कर से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। आपको बता दें कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के खास तौर पर शुरू किए गए रोजगार कार्यक्रम के तहत राहुल भट को नौकरी मिली थी। वो चदूरा स्थित तहसील दफ्तर में काम करते थे।