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मोहम्मद मुस्तफा का यह बयान UPSC जिहाद का ज्वलंत उदहारण है। एक प्रतिष्ठित पद पर रहने के बावजूद इस तरह की घृणित सोच जिहादी मानसिकता को दर्शाता है।