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एक महिला का कहना था कि उसका बच्चा दिव्यांग है। उसने चर्च में प्रार्थना की तो बच्चे को आराम मिला। इसके बाद उन्होंने ईसा मसीह की पुस्तक देकर प्रचार किया था। किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है।