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ये एक ऐसा सवाल है जिससे ज़्यादातर महिलाएं जूझ रही हैं. क्योंकि भारत में महिलाओं को पिता की संपत्ति में अधिकार की माँग करने के लिए क़ानून से पहले एक लंबी सामाजिक जंग और सोच को जीतना पड़ता है.