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1968 में क्रूर आक्रांता औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर ईदगाह का निर्माण किया था। इस जमीन पर पूर्व में भी विवाद चल रहा था। ईदगाह मस्जिद में कभी भी नमाज नहीं पढ़ी जाती थी। लेकिन पिछले दिनों से यहां पर पांच समय की नमाज पढ़ी जा रही है।