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पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा की है, जहाँ हिन्दू के मंदिर को पहले तो तोडा गया उसके बाद जिसने तोडा उससे नहीं बल्कि वहां के हिन्दुओं से ही जुरमाना वसूल किया जा रहा है।