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सैन्य अभियान में लिट्टे का सफाया करने वाले महिंदा राजपक्षे दो बार राष्ट्रपति रहने के बाद जब 2015 के राष्ट्रपति चुनाव में हार गये थे तो ज्यादातर लोगों को लगा कि एक चतुर नेता का करिश्मा अब समाप्त हो गया है।