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सेकुलरिज्म के नाम पर समाज को छिन्न भिन्न करने वाले इस वारदात पर मौन थे या फिर उसे जायज ठहरा रहे थे। लेकिन अयोध्या की घटना इस बात के लिए प्रेरित करती रहेगी कि अगर हमारी नियत साफ है तो हमारी नीति को नियंता भी सफल बनाता है।