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उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर सावरकर का सम्मान करते थे। उनके मत में अंतर था लेकिन वो एक-दूसरे को समझते थे। जैसा आज के नेताओं के बीच होता है, वैसा पहले नहीं था।