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राकेश टिकैत के इस बयान की सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना की जा रही है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब भारत सरकार भिंडरावाले को आतंकी कहती है तो राकेश टिकैत उसे संत मानने वालों का बचाव क्यों कर रहे हैं? उनकी सहानुभूति किसानों के लिए है या देश तोड़ने की सोच रखने वाले खालिस्तानी आतंकियों के प्रति?