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सवाल ये भी उठ रहा है कि जितनी तत्परता दिल्ली पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय समेत 6 हिंदूवादियों को गिरफ्तार करने में दिखाई, उतनी ही तत्परता से मौलाना साद को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?