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कर्मियों को नगर निगम की तरफ से जितना भुगतान किया जाता था उसका कुछ भाग ठेकेदार हजम कर रहे थे अफसर से लेकर नगर निगम सदन तक में इस मुद्दे पर कभी आवाज उठाई नहीं गई।