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फ्लैट खरीदारों ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने दो बड़े टावरों का निर्माण करके और ग्रीन एरिया पर अतिक्रमण के जरिये बढ़े हुए एफएआर का फायदा उठाने की कोशिश की है।