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आज आजादी के उस उद्घोष की सभी भारतीयों को याद दिलाते हुए दो अंग्रेज अफसरों को मार गिराने वाले मंगल पाण्डेय और उनके सहयोगी ईश्वरी प्रसाद पाण्डेय को बारम्बार नमन और वन्दन करते हुए उस गद्दार पल्टू शेख को अनंत काल तक धिक्कार है जिसकी गद्दारी के चलते भारत माता को अपने दो जांबाज़ लाल खोने पड़े थे.