22 जून: बलिदान दिवस पर नमन है सेठ अमरचन्द बांठिया को.. जिन्होंने जिंदगी भर कमाई पूरी पूंजी दे दी क्रांतिकारियों को जिसे अंग्रेजो ने माना अपराध और दे दी फांसी
सेठ जी को वहां भीषण यातनाएं दी गयीं. मुर्गा बनाना, पेड़ से उल्टा लटका कर चाबुकों से मारना, हाथ पैर बांधकर चारों ओर से खींचना, लोहे के जूतों से मारना, अण्डकोषों पर वजन बांधकर दौड़ाना, मूत्र पिलाना आदि अमानवीय अत्याचार उन पर किये गये.