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आरोपी अक्सर जय श्रीराम के नारे लगाता था जिससे उसे कभी शक भी नहीं हुआ. वहीं एक दिन पीड़िता कुछ अपने कागज़ाद खोज रही थी तभी उसे एक आधार कार्ड मिला जिसपे फोटो तो मृत्युंजय की लगी थी लेकिन नाम मुर्तजा लिखा था.