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स्कूल के अंदर बच्चों से भयानक दुर्वव्यहार किया जाता था और आवासीय स्कूल की लापरवाही और बच्चों को टॉर्चर करने की वजह से इस स्कूस में कम से कम 6000 बच्चों की मौत हो गई.