सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे
इस मामले में अब तक मानवाधिकार के तमाम अलमबरदार व् वामपंथी वर्ग पूरी तरह से चुप बैठा है और चुपचाप अपने खुद के द्वारा बनाये गये कथित सेकुलरिज्म के नियमों का पालन का रहा है.