28 दिसंबर- बलिदान दिवस 1857 क्रांति के अग्रदूत राव रामबख्श सिंह जी.. इन्हें फाँसी देने वाली रस्सी 2 बात टूटी थी
31 मई, 1857 को एक साथ अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक छावनियों में हल्ला बोलना था; पर दुर्भाग्यवश समय से पहले ही विस्फोट हो गया, जिससे अंग्रेज सतर्क हो गये थे.