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अप्रैल के महीने में चुनाव कराना होता है नहीं तो प्रक्रिया दोबारा कराई जाएगी. ये संवैधानिक संकट आ जाएगा. जो मेयर का इलेक्शन होना है ये तय प्रक्रिया है. जो आउट गोइंग मेयर होती हैं वो पीठासीन अधिकारी होंगी ये परंपरा है.