जैसा कि सभी जानते हैं कि आदरणीय श्री नितिन गडकरी जी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व में राष्ट्रीयअध्यक्ष एवम् वर्तमान मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं ।इसके साथ-साथ वे बहुत ही जुझारू, प्रगतिशील और लगातार नई-नई चीजें करने में भी माहिरमाने जाते हैं। आज से 7 वर्ष पूर्व उन्होंने सामाजिक संस्था संपूर्णा को नागपुर में आयोजित एक स्वयंसेवी संस्थाओं के मेले में आमंत्रित किया। हमने उनके आमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया। हमारी टीम संपूर्णा का प्रतिनिधित्व करने नागपुर पहुंची। इस विशाल मेले में संपूर्णा का भी स्टॉल लगा हुआ था। संपूर्णा के विभिन्न प्रकल्पओं से सजे स्टॉल की शोभा देखते ही बनती थी। जो भी अतिथिगण मेले में आते थे, वे स्टॉल को अवश्य देखते और संपूर्णा के बारे में विशेष जानकारी लेते। हमारे अहोभाग्य थे, कि श्री नितिन गडकरी जी भी इस मेले में पधारे। उन्होंने भी मेले में जैसे ही हमारे स्टॉल को देखा, वे तुरन्त स्टॉल पर आए और उन्होंने लगभग 15 मिनट तक संपूर्णा द्वारा चलाए जा रहे एक-एक प्रकल्प की जानकारी ली।
दिल्ली आकर विशाल और रूपा ने मुझे सारी जानकारी दी।हमारे साथियों ने चिंतन किया कि देश की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय नेता इस प्रकार से समाज में, समाज के लिए, समाज सेवकों द्वारा किए गए प्रयासों सुनते है। ना जाने कितनी बार मुझे भी स्वयं कितने मेलों व बहुत से सामाजिक संगठनों में जाने का मौका मिला है। हम सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख कर वापस आ जाते हैं। उसी दिन से मुझे भी अहसास हुआ कि व्यक्ति लगातार कुछ ना कुछ सीखता रहता है और दूसरे के हर प्रयास को सराहना यह अच्छी आदत भी कुछ नया करने की प्रेरणा भी देती है।
अभी हाल ही में श्री नितिन गडकरी जी 27 फरवरी 2020 को वे हमारे घर पर आये। हमेशा ही मिलने पर वे संपूर्णा के बारे में अवश्य पुछते हैं। सी बात है कि जब भी वे घर आते हैं तब बड़े प्रेम से वे संपूर्णा के विषय में मुझ से पूछते हैं और इस बार भी ऐसा ही हुआ। जब उनको मैंने संपूर्णा के द्वारा पुराने कपड़ों से थैले और दरियां बनाने के बारे में बताया तो वह गदगद हो गए। उन्होंने कहा कि आपको पता है कि मै कौन से विभाग का मंत्री हूं। मैंने कहा हां मुझे पता है। तो उन्होंने कहा अपने इस प्रकल्प को आप पूरे देश के अंदर जहां-जहां स्वयं सहायता समूह हैं, वहां पर आप पुराने कपड़ों के माध्यम से इस प्रकार का जीरो वेस्टेज प्रोजेक्ट्स चलाइए। उन्होंने कहा कि आप एक रिपोर्ट बनाकर लाइए और मै तुरन्त ही इस प्रोजेक्ट को पूरे भारत में लागू करना चाहता हूं। कोरोना वायरस और अन्य कारणों से इस दिशा मै कुछ भी सोच नहीं पाई और मैंने देखा कि किस प्रकार से हम सब के आदरणीय कर्मशील विभूति ने टीवी चैनलों पर, फिक्की फ्लो पर मेरे छोटे से प्रोजेक्ट की जमकर तारीफ की। सच में मैं नतमस्तक हूं। मेरे पास शब्द ही नहीं है कि एक इतना बड़ा कैबिनेट मंत्री संपूर्णा के छोटे से प्रोजेक्ट का बखान समस्त मीडिया पर अनायास ही करते हैं। यह हम सब के लिए प्रेरणा योग्य है।
मेरी सभी दिल्ली और दूर-दराज में रहने वाली बहनों को मैं संक्षिप्त लेख के माध्यम से अनुरोध करूंगी कि वे सभी अपने-अपने क्षेत्र में अपने सीमित साधनों में इस प्रकार का प्रोजेक्ट चलाएं। संपूर्णा की ट्रेनिंग की प्रेरणा दे और जहां-जहां संभव होगा वहां संसाधनों की उपलब्धता भी संपूर्णा कराएगी। आने वाले संकट के समय में देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है ऐसे समय में भारत को विश्व गुरु बनाने में हम सबको इस प्रकार के छोटे-छोटे प्रकल्पों के माध्यम से हर गांव हर गली तक पहुंचना होगा।
मेरी कोशिश है कि मैं लगातार इन संक्षिप्त लेखों के माध्यम से संपूर्णा के द्वारा चलाए जा रहे प्रकल्पों की जानकारी का आदान-प्रदान करूं और अपने सूक्ष्म प्रयासों से किसी महिला के जीवन में एक दीपक जलाऊं।
सधन्यवाद।
डॉ शोभा विजेंद्र
संपूर्णा संस्थापिका