दुनिया में आज भी लोग काले जादू पर विश्वास रखते हैं। काला जादू, टोने, टोटके आदि चीज़ें आज भी प्रचारित है लेकिन किसी को नहीं पता कि इसकी क्या सचाई है।
कई लोग इसे सच मानते है और कई लोग इसे वहम मानते हैं और वहीं कुछ लोग इसे अंध विश्वास मानते हैं। कहा जाता है कि काले जादू से व्यक्ति अपने स्वार्थ को साधने की कोशिश करता है या फिर वह किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
असम और बंगाल को काले जादू का केंद्र माना जाता है। काले जादू के जरिए किसी को भी वश में किया जा सकता है साथ ही किसी से भी अपना मनचाहा कार्य कराया जा सकता है।
इसके जरिए हम किसी को भी किसी भी प्रकार के भ्रम में डाला जा सकता है साथ ही साथ इसके जरिए किसी को मारा भी जा सकता है।
हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में अंध विश्वास का मामला सामने आया है। माता पिता ने काला जादू भगाने के लिए 5 साल कि बच्ची ता ऊपर से बूरी आत्माओं को भागाने के लिए बूरे तरीके से पीट-पीट कर मार डाला।
यह जानकारी पुलिस ने रविवार को दी थी। पुरा हादसा शुक्रवार और शनिवार कि रात का है। पुलिस ने बच्ची के 45 वर्षीय पिता सिधार्त चिमने, 42 वर्षीय माता रंजना और 32 वर्षीय आंटी प्रिया बंसोद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
चिमने सुभाष नगर के रहने वाले है और वह एक यूटयूब चैनल चालक है। पुलिस के अनुसार पिछले माह गुरू पुर्णिमा पर वह अपने पुरे परिवार यानि अपनी बीवी, अपनी दोनों 5 और 16 वर्षीय बेटियों के साथ तकालघाट क्षेत्र के दरगह गए थे।
जब चिमने ने अपनी छोटी बेटी के व्यवहार में परिवर्तन देखा तो उन्हें लगा कि उसे किसी बूरी ताकत ने वश में कर लिया है। इसी के बाद चिमने ने काला जादू कर ठीक करने का निर्णय लिया। इस सब पूजा का एक विडियों भी बनाया था जो पुलिस ने बरामद कर लिया है।
पूजा के समय माता-पिता और आंटी ने बच्ची को इतना मारा की वह बिहोश हो गई। सुबह उसे दरगह लेजाने के बाद उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल छोड़ आए। इसी के बाद अस्पताल वालों ने बच्ची को मृत घोषित कर पुलिस शिकायत दर्ज कराई।
आज के दौर में जहां सोसाइटी अपग्रेड हो रही है वही दूसरी ओर आज भी लोग अंध विश्वास पर यकीन रखते है। जहां एक तरफ टेक्नोलोजी दिन पर दिन आगे बढ़ती जा रही है वही दूसरी ओर लोग अन्धविश्वास में डूबते चले जा रहे है।
क्या आपको पता है कि इसका कारण और कुछ नहीं बलकी इंसान की सोच और काले जादू पर विश्वास का असर है। बच्चों के व्यवहार में बदलाव आज के दौर में जरुरी नहीं बूरा साया हो, हो सकता है कि वह किसी मानसिक समस्या का शिकार हो।
मानसिक समस्या का मतलब यह नहीं की व्यक्ति पागल हो, हो सकता है कि वह अपने जीवन में किसी ऐसे दौर से गुज़र रहा हो जहां वह समझ न पा रहा हो कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिले तो उसे सहयोग करें व उसका साथ दें। क्या पता आपके एक सहयोग से ऐसे कितने बच्चे बच सकते हैं।