शायद नेपाल समझ गया है इस्लामिक कट्टरपंथी सोच को. शायद नेपाल को ये समझ आ गया है कि अगर उसे अपनी अखंडता को बनाए रखना है. अगर नेपाली सभ्यता और संस्कृति को बनाए रखना है. तो मजहबी स्वतंत्रता के नाम पर हो रहे जिहादी चरमपंथ के खेल पर रोक लगानी होगी. इसी क्रम में नेपाली सरकार ने आगामी इज्तिमा पर रोक लगा दी गई है.
नेपाल के दुहबी और इटहरी में 21 से 23 नवंबर तक इज्तिमा का आयोजन होना था. तबलीगी जमात ने इज्तिमा के लिए 80 एकड़ जमीन पर टेंट लगाया गया था, जिसमें दुनियाभर के 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम जुटने वाले थे. नेपाली इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि इज्तिमा के माध्यम से धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश हो सकती हैं. ये भी सूचना थी कि इसमें भारत के भी कुछ चरमपंथी मुस्लिम शामिल हो सकते हैं.
इसके बाद नेपाली गृह मंत्रालय ने 24 घंटे के अंदर इज्तिमा के टेंट को उखाड़ फेंकने का आदेश जारी कर दिया. इसके साथ ही इज्तिमा के लिए बाहर से पहुंचे लोगों को 24 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का निर्देश भी दे दिया है. नेपाल के गृह मंत्रालय के इस आदेश से मजहब की आड़ में आतंक को बढ़ावा देने वाले जिहादी परेशान हैं, वो बौखलाए हुए हैं, सोशल मीडिया पर जहर उगल रहे हैं और देश में अल्पसंख्यक के अधिकार हनन होने का रोना रो रहे हैं.
बता दें कि बीते महीने अक्टूबर की शुरुआत में ही नेपाल के बाँके जिला के नेपालगंज में भारी सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी. कट्टर मुस्लिम भीड़ ने एक फेसबुक पोस्ट को लेकर न सिर्फ ‘सर तन से जुदा’ और ‘लब्बैक-लब्बैक’ के नारे लगाए, जुलुस निकाले बल्कि हिन्दुओं की रैली पर पथराव कर हिंसा की थी. पिछले कुछ वर्षों में नेपाल में इस्लामिक चरमपंथी गतिविधियां बढ़ी हैं, जिसके बाद वहां के हिंदुओं में आक्रोश देखा जा रहा है. नेपाल के तमाम सामाजिक संगठन इस्लामिक कट्टरपंथ पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.
इसी से बचने के लिए नेपाल ने दुर्घटना से सुरक्षा भली का रवैया अपनाया है. इस वजह से भारत की सीमा के पास होने वाले इज्तिमा पर सुरक्षा की दृष्टि से रोक लगा दी गई है. इस मामले में सुनसरी जिला प्रशासन को खबर लगी थी कि इज्तिमा में भारत सहित कई देशों के प्रतिबंधित कट्टर मुस्लिम समर्थक मौलाना, उलेमा और मौलवी शिरकत करने वाले हैं. इसके आयोजन से नेपाल को पड़ोसी मुल्क भारत से रिश्ते खराब होने का अंदेशा भी था.
तबलीगी जमात के इज्तिमा के आयोजन को लेकर सुनसरी जिला प्रशासन ने नेपाल सरकार से सलाह मांगी थी. सुनसरी की चीफ जिलाधिकारी हुमकला पाण्डे ने इज्तिमा को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को रोकने का निर्देश जारी कर दिया. जिलाधिकारी पाण्डे ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद आयोजकों को कार्यक्रम रोकने के लिए लिखित निर्देश जारी कर दिया गया है. नेपाल ने ये फैसला खुफिया विभाग और कई राजनीतिक दलों के साथ सुनसरी जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद लिया.
बात अगर तबलीगी जमात की करें तो ये संगठन कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन माना जाता है. सऊदी अरब सहित कई इस्लामिक देशों में तबलीगी जमात बैन है. भारत में तमाम ऐसे आतंकी भी पकड़े गए हैं जो तबलीगी जमात से जुड़े हुए थे. इसके अलावा कोरोना के समय देशभर में तबलीगी जमात के कोरोना जिहादियों ने ऐसा हुडदंग किया था वो पूरे देश ने देखा था.
कोरोना के समय लोगों पर थूकना, महिला नर्सों के साथ अश्लीलता करना... ये वो कृत्य थे जो उस तबलीगी जमात के लोगों ने किये थे जो तबलीगी जमात इज्तिमा का आयोजन कराती है. भारत में भी इज्तिमा के आयोजन होते हैं, जिसमें कई बार बवाल भी हुआ है. नेपाल समझ गया है कि भारत जिस जिहादी संक्रमण से दूषित हो रहा है, नेपाल भी उस वायरस का शिकार गंभीर रूप से न हो, इसलिए नेपाल तो इज्तिमा पर रोक लगा दी है. अब सवाल ये है कि क्या भारत में इज्तिमा जैसे आयोजन कब प्रतिबंधित होंगे ?