दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी और बताया कि सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने का फैसला लिया है।
बैठक में एक अहम पहल के तौर पर जाति आधारित जनगणना को मुख्य जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री वैष्णव ने कहा कि इस कदम से सामाजिक संरचना की बेहतर समझ विकसित की जा सकेगी और योजनाएं अधिक प्रभावी ढंग से लागू की जा सकेंगी।
अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज़ादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी जाति जनगणना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने केवल जातिगत सर्वेक्षण किए, जबकि असली जनगणना से परहेज़ किया। यूपीए कार्यकाल के दौरान कुछ राज्यों ने राजनीतिक लाभ के लिए जाति सर्वेक्षण कराए।
कैबिनेट बैठक में किसानों को राहत देते हुए गन्ने की फेयर एंड रिमुनरेटिव प्राइस (FRP) में वृद्धि को मंजूरी दी गई। यह निर्णय गन्ना किसानों के हित में लिया गया है, जिससे उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
इसके अलावा, पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर तक परियोजना को स्वीकृति दी गई है। साथ ही, मेघालय और असम के बीच 166.8 किलोमीटर लंबे चार लेन हाइवे के निर्माण को भी हरी झंडी दिखाई गई है।