सुदर्शन न्यूज की एक और खबर का बड़ा असर हुआ है। बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास जी को जमानत मिल गई है। कट्टरपंथियों के हंगामे और इस्लामी मुल्क के झूठे प्रोपोगेंडा की वजह से उन्हें लंबे समय से उसको जेल में रहना पड़ा। इस बीच सुदर्शन न्यूज लगातार उनकी आवाज उठाता रहा और उनकी न्याय के लिए माँग करता रहा। हमारी यह आवाज देश दुनिया के तमाम मंचों तक पहुँची और बांग्लादेश की कट्टरपंथी सरकार पर दबाव बना। आखिरकार वही दबाव अब काम आया है और उनको जमानत मिल गई है।
बता दें कि बांग्लादेश की जेल में पिछले 6 महीनों से बंद हिंदू कार्यकर्ता और इस्कॉन मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास जी को आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। ढाका हाईकोर्ट ने बुधवार (29 अप्रैल 2025) को उन्हें जमानत दे दी। चिन्मय कृष्ण दास जी पर देशद्रोह और धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे थे। पिछले साल अगस्त में गिरफ्तारी के बाद से वे चटगांव की निचली अदालत से जमानत पाने में नाकाम रहे थे।
बताया जाता है कि शेख हसीना सरकार के कार्यकाल के दौरान चिन्मय दास ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कई सार्वजनिक मंचों पर आवाज उठाई थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ढाका से गिरफ्तार कर लिया था। उनपर बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का आरोप लगा था। उनके किलाफ देशद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
अपनी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने 26 नवंबर को चटगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। तब से वह जेल में थे। चिन्मय दास के वकील ने कोर्ट में उनकी जमानत के लिए कई बार याचिकाएं दयर की थी, लेकिन खारिज कर दिया जा रहा था। 2 जनवरी को उनकी एक जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
इसके बावजूद, हाईकोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद पुजारी चिन्मय को जमानत देने का आदेश दिया। चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की खबर मिलते ही बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।