नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में 7 मई 2025 को मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) इंडिया इको-सिस्टम समिट 2.0 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस दिनभर चलने वाले शिखर सम्मेलन में भारत की रक्षा प्रणाली से जुड़े प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया, जिसमें आत्मनिर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया पहल के अंतर्गत देश की वायु और मिसाइल रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए किए गए सहयोगी प्रयासों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय (MoD), सशस्त्र बलों, DRDO, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और देश के प्रमुख रक्षा निर्माण कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने भारत को उन्नत रक्षा प्रणालियों के लिए वैश्विक केंद्र बनाने की साझा प्रतिबद्धता जताई, वहीं ASI ने भारत के प्रमुख रक्षा सेवा प्रदाता बनने के अपने दृष्टिकोण को फिर से दोहराया।
शिखर सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया और प्रमुख उद्योग नेताओं ने इसमें संबोधन किया, जिसमें भारतीय और इस्राइली रक्षा क्षेत्रों के बीच बढ़ती साझेदारी पर जोर दिया गया। समिट के मुख्य सत्रों में शामिल थे:
मिसाइल प्रणालियों में परिचालन तत्परता और आत्मनिर्भरता पर पैनल चर्चा।
ASI द्वारा विकसित AI-आधारित सेवा प्रबंधन प्रणाली 'STORMS' सहित तकनीकी प्रदर्शन।
स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता के दीर्घकालिक निर्माण को लेकर औद्योगिक संवाद।
शिखर सम्मेलन में ASI-IAI की पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय सहायक कंपनी की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया, जो MRSAM प्रणाली और उससे जुड़ी प्रणालियों जैसे BARAK 8 मिसाइल और एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार के लिए तकनीकी प्रतिनिधित्व, जीवन चक्र समर्थन और स्थानीय उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस कार्यक्रम ने एक सशक्त, आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार वायु रक्षा ढांचे की आवश्यकता को उजागर किया, जिसे निरंतर सहयोग, क्षमता विकास और स्थानीय नवाचार के माध्यम से साकार किया जा सकता है।