उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में शुक्रवार रात (2 मई 2025) भारतीय वायुसेना ने एक नई मिसाल कायम की। पहली बार रात के अंधेरे में वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी विशेष हवाई पट्टी पर सफल लैंडिंग की। यह दृश्य न केवल रोमांचक था, बल्कि देश की सैन्य क्षमता का भी प्रतीक बन गया।
करीब रात 9 बजे जैसे ही राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और सुपर हरक्यूलिस जैसे विमान आसमान में गूंजते हुए उतरे, एक्सप्रेसवे पर मौजूद हजारों दर्शक जोश में भर उठे। ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों ने माहौल को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।
वहां मौजूद लोगों ने मीडिया से बातचीत में अपने गर्व और खुशी को साझा किया। कुछ ने कहा कि यह भारत की ताकत का दुनिया के सामने खुला प्रदर्शन था। वहीं, कई नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस सैन्य पहल के लिए सराहना की।
जनता का कहना था कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस तरह के अभ्यास यह जताते हैं कि भारत अब हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है। एक्सप्रेसवे पर इस तरह की सैन्य गतिविधियां देश की तैयारी और संकल्प को दिखाती हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। यह मेरठ से लेकर प्रयागराज तक फैला होगा। शाहजहांपुर के पास बनी 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी संकट की घड़ी में वायुसेना को अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
सरकार की योजना है कि नवंबर 2025 तक इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से जनता के लिए खोल दिया जाए। हालांकि, वायुसेना की इस नाइट लैंडिंग जैसी गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि यह परियोजना यातायात के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है।