सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

बॉलीवुड में नशे का कारोबार और आतंकवाद

बॉलीवुड में ड्रग्स और नशे का कारोबार लगातार बढ़ते जारहा है. बॉलीवुड के नशे की कारोबार अब आतंकवाद तक पहुंच चुकी है. अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट बॉलीवुड पर पूरी तरीके से कब्ज़ा कर चुका है. मुंबई-गोआ-दिल्ली ड्रग्स के बाज़ार के बड़े केंद्र हैं. मुंबई में बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट अपना ड्रग्स का कारोबार चलाता है. इनका सीधा संबंध आतंकी संगठन और उसके आकाओं से होता है. ड्रग्स का जहर अब टीवी इंडस्ट्री में भी घुस गया है. ड्रग्स के नशे से आतंकवादियों के हाथ मजबूत हो रहे हैं. नशीले पदार्थ की बिक्री से मिले पैसे को आतंकवादी बम, बंदूक के लिए करते हैं. आतंकवादी उन्हीं हथियारों से हमारे सैनिकों को मारते हैं.

Jitendra Pratap Singh @JitendraStv
  • Oct 5 2021 10:03PM

बॉलीवुड में ड्रग्स का नशा और कारोबार लगातार बढ़ते जारहा है. कई ऐसे मौके आए जब ये मांग उठी कि फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों का ब्लड टेस्ट अनिवार्य हो जाए ताकि ड्रग्स और नशे के कारोबार का पर्दाफाश हो सके. बॉलीवुड के चमचमाते और महंगे कालीन के नीचे दबी नशे की सड़ांध अब आतंकवाद तक पहुंच चुकी है. अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट बॉलीवुड पर पूरी तरीके से कब्ज़ा कर चुका है. मुंबई में हर वर्ष तीन-चार बार रस्मी आदायगी के नाम पर छापेमारी होती है, जिसमे कुछ ड्रग पैडलर ड्रग्स के साथ पकड़े जाते हैं लेकिन नशीली दवाओं के छत्ते तक नारकोटिक्स के हाथ नहीं पहुंचते. 


बॉलीवुड में पैसा और सोहरत के आसरे अपने आप को बड़ा बादशाह बताने वाले शाहरुख़ के बेटे को जब NCB ने ड्रग्स सेवन के आरोप में पकड़ा तो बॉलीवुड का सड़ांध एक बार फिर उजागर होगया. खुले तौर पर जिन फ़िल्मी हस्तियों के ड्रग एडिक्ट होने की जानकारी है, उनमें बड़े नाम शामिल हैं. संजय दत्त, रणबीर कपूर, फरदीन खान और विजय राज लंबे समय तक एडिक्ट रहे हैं. लेकिन इस ड्रग्स गिरोह में शाहरुख़ खान के बेटा आर्यन खान का भी नाम जुड़ गया है. मुंबई-गोआ-दिल्ली ड्रग्स के बाज़ार के बड़े केंद्र हैं. मुंबई में बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट अपना ड्रग्स का कारोबार चलाता है, जिसका सीधा संबंध आतंकी संगठन और उसके आकाओं के साथ होता है. 


ड्रग्स का जहर अब टीवी इंडस्ट्री में भी घुस गया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कुछ दिन पहले बेंगलुरु से एक पूर्व टीवी अभिनेत्री अनिखा को गिरफ्तार किया तो ड्रग्स का टीवी इंडस्ट्री कनेक्शन भी खुलकर सामने आ गया. बिग बॉस की एक प्रतियोगी मुमैथ खान ड्रग्स के साथ गिरफ्तार हो चुकी है. अपूर्व अग्निहोत्री अपनी पत्नी के साथ एक रेव पार्टी से गिरफ्तार हो चुके हैं.


बॉलीवुड पर अभी एक गाना बहुत प्रासंगिक हो गया है. इतना नशा क्यों छा रहा है, तूने हवा में क्या भांग मिलाया. बॉलीवुड की हवाओं में ड्रग्स की खुमारी घुली हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार के अपने एक जनसभा में कहा था कि ड्रग्स के नशे से आतंकवादियों के हाथ मजबूत हो रहे हैं. जिस पैसे से नशीले पदार्थ खरीदे जाते हैं उस पैसे से आतंकवादी बम, बंदूक और गोली खरीदते हैं. उन्हीं हथियारों से वे हमारे सैनिकों को मारते हैं. तो ऐसे में अब एकबार फिर से शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स सेवन के बाद से सवाल उठने लगा है की क्या आर्यन का नशा आतंकियों को ऑक्सिजन प्रदान कर रहा है ? 

ड्रग्स का आतंकी अर्थव्यवस्था

ड्रग्स के नशे से मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. मरने वालों की संख्या में 60 फीसद तक बढ़ गई है. विश्व में ड्रग्स के नशे के कारण तीन करोड़ लोग डिस्ऑेर्डर का शिकार हो रहे हैं. नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरिएट के एक रिपोर्ट के अनुसार ये पूरा व्यापार अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर, बांग्लादेश के रास्ते होता है. अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां सालाना 5000 से 6000 टन अफीम पैदा होती है. अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के बाद इसके उत्पादन में और बढ़ोतरी हुई है. एम्स में नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) के 2019 के एक सर्वेक्षण अनुसार देश में 3.1 करोड़ लोग मारिजुयाना ड्रग्स का सेवन करते हैं.

मुंबई पुलिस के नारकोटिक्स सेल के अनुसार अच्छी क्वॉलिटी वाला 10 ग्राम वीड करीब 5,000 रुपये में मिलता है. ड्रग्स का धंधा पूरी दुनिया में फैला है और भारत की भौगोलिक स्थिति उसकी सप्लाई में अहम भूमिका निभाती है. भारत हेरोइन और हशीश का उत्पादन करने वाले देशों के बीच में स्थित है. गोल्डन ट्रायंगल (थाइलैंड-लाओस-म्यांमार) और गोल्डन क्रीसेंट (अफगानिस्तान-पाकिस्तान-ईरान) के कई देशों की सीमाएं भारत से मिलती हैं. इसकी वजह से भारत में ड्रग्स को पहुंचाना आसान हो जाता है. एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार देश में हर साल करीब 10 लाख करोड़ रुपये का ड्रग कारोबार किया जाता है. जिसमे अधिकतर कारोबारों आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं. 


ऐसे में यह बात समझनी होगी कि देश में इतने बड़े पैमाने पर ड्रग के अवैध धंधे तभी चल सकते हैं, जब इसका सीधा संबंध अन्तराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा हुआ हो.  नाइजीरिया, इजरायल और रूस के विदेशी नागिरक गोवा में चार्टर्ड प्लेन के जरिये ड्रग के अवैध बिजनेस का पूरा ईकोसिस्टम तैयार कर अपना व्यापर करते हैं. संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स ऐंड क्राइम ऑफिस ने भी भारत को ड्रग्स के अवैध कारोबार वाले देशों में शामिल किया है. उसने चेताया है कि भारत में ड्रग बेहद आसानी से ऑनलाइन मिल जाती है. संयुक्त राष्ट्र की 2019 की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में इंटरनेट पर ड्रग्स खरीदने का प्रचलन बढ़ रहा है. कुछ ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ड्रग्स की बिक्री के लिए क्रिप्टोकरंसी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.  इससे होने वाले आय को बड़े आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है. 

 

0 Comments

संबंधि‍त ख़बरें

अभी अभी