पिछले साल सुदर्शन न्यूज़ ने एक ऐसा खुलासा किया था जिससे पूरे देश में आम से लेकर खास तक, सबको सोचने पर मजबूर कर दिया था. नौकरशाही में जिहाद पर जब हमने खुलासा किया था तो जिहादी जमात की जड़े हिल गई थी. उस वक्त हमने देश के सामने कई बड़े और महत्वपूर्ण तथ्य रखे थे. तब सुदर्शन न्यूज़ के इस खुलासे से घबराए तथाकथित लिबरल, सेक्यूलर, जिहादी मजहबी चरमपंथी रोक लगाने के लिए कोर्ट पहुंच गए.
मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया और आख़िरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज की UPSC जिहाद की सीरीज पर स्टे लगा दिया. आज मामला सर्वोच्च न्यायालय में है. अबतक कोर्ट किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा है. मगर जिस बात का आधार बना कर UPSC जिहाद की सीरीज को रोकने का प्रयाश किया गया उसे आईना दिखाने के लिए उत्तर प्रदेश से आया हालिया मामला कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.
न्यायपालिका ने भले ही उस समय सुदर्शन न्यूजी की UPSC जिहाद सीरीज पर रोक लगा दी थी लेकिन उसके बाद से कई ऐसे मौके आए जब सुदर्शन का UPSC जिहाद का दावा सही साबित हुआ. हाल ही में झारखंड के लातेहार के डीसी इकराम अबू का एक ऑडियो सामने आया था जिसमें वह कांग्रेस विधायक बंधू तिर्की को इलाके में आदिवासी समाज के विरुद्ध हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाने से रोक रहा था. लेकिन अब UPSC जिहाद का एक और सनसनीखेज मामला सामने के बाद से सुदर्शन का दावा शत प्रतिशत सही साबित हुआ है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में कमिश्नर रहे IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण को लेकर एक वीडियो सामने आया है. इसमें वह अपने सरकारी आवास में एक इस्लामिक मौलाना के साथ कुछ लोगों को इस्लाम अपनाने के फायदे गिना रहा है. वायरल विडियो में मौजूद एक व्यक्ति इस्लाम से जुड़ी हुई बहुत सी बातें बता रहा है. IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन के साथ मौजूद आदमी बताता है कि इस्लाम में बहन-बेटियों को जलाया नहीं जाता. अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश और दुनिया में काम कर सकते हैं.
आईएएस इफ्तिखारुद्दीन वहां बैठे लोगों को इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाते हुए कह रहा है “ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है. इस बीच एक मौलाना जब कट्टरता का पाठ पढ़ा रहा है, उस समय आईएएस इफ्तिखारुद्दीन जमीन पर बैठा दिख रहा है.
IAS इफ्तिखारुद्दीन बाकी के दो वीडियो में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के बारे में बता रहा है. दूसरे वीडियो में वह कह रहा है कि- “ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के इंसानों को कि अल्लाह और रसूल के मिशन को आगे बढ़ाएं. अल्लाह के नूर का ईद नाम होना है. पूरे जमीं पर अल्लाह का निजाम दाखिल होना है. यह कैसे होगा? यहां पर जो इंसान बैठे हैं, इनको यह काम करना चाहिए. जरूर करना चाहिए, नहीं तो अल्लाह इनको पकड़ेगा". तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की ये नौकरशाही में बैठे अफसरशाही का जिहाद नहीं तो और क्या है ?