कोरोनावायरस के कारण दुनिया भर में अधिकांश स्कूल और कॉलेज बंद हैं और लोग अपना समय बाहर नहीं बिता रहे हैं। ऐसे समय में किताबें ही सही सूचना, मनोरंजन और सकारात्मक सोच का जरिया है।
हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को शिक्षित और जागरूक करना है। इस दिन की शुरुआत 23 अप्रैल 1995 को हुई थी। यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में चुना है जिसमें विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वंट्स और इंका गार्सिलसो सहित महान साहित्यकारों को श्रद्धांजलि दी गई थी। आपको बता दें कि 23 अप्रैल और किताबों के बीच का संबंध सबसे पहले 1923 में स्पेन के बुकसेलर्स ने मिगुएल डे सर्वट्स को सम्मानित करने के लिए बनाया था, जिनकी उस दिन मृत्यु हो गई थी।
हर वर्ष विश्व पुस्तक दिवस पर दुनियाभर में कई जगहों पर बड़े-बड़े पुस्तक मेले, साहित्य और लोगों के जीवन में शिक्षा का क्या महत्व है इसके लिए कार्यक्रम किए जाते हैं। हालांकि इस साल कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। इस दिन की अहमियत आप इस बात से समझ सकते हैं कि किताबें हमारी बेस्ट फ्रेंड हैं, ये न सिर्फ हमारी दोस्त बल्कि पथ प्रदर्शक भी हैं और उस वक्त हमेशा हमारे साथ होती हैं जब हमें इनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस के चलते अपने अपने घरों में बंद है, तब ये किताबें ही हैं जो लोगों को इस कठिन वक्त के गुजरने में मदद कर रही हैं।