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बेरूत में राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री समेत पूरी सरकार ने दिया इस्तीफा

सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब लोग देश के नेताओं पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारी लगातार तीसरे दिन सड़कों पर उतरे थे और पुलिस से उनकी झड़प हुई थी।

Abhishek Lohia
  • Aug 11 2020 12:46AM

लेबनान की राजधानी बेरूत में बीते दिनों हुए भीषण धमाके के बाद जनता के आक्रोश का सामना कर रही सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। इस धमाके में दो सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों घायल हो गए थे। प्रधानमंत्री हसन दियाब ने सोमवार की शाम को राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में इस्तीफे का एलान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट के मद्देनजर वह पद छोड़ रहे हैं।

सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब लोग देश के नेताओं पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारी लगातार तीसरे दिन सड़कों पर उतरे थे और पुलिस से उनकी झड़प हुई थी। बेरूत में हुई भीषण धमाका एक गोदाम में आग लगने से हुआ था जहां असुरक्षित तरीके से करीब 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा था। 

बता दें कि बेरूत में चार अगस्त को हुए विस्फोट में अभी तक 220 लोगों की मौत हो चुकी है और 110 लोग अभी भी लापता हैं। धमाके में देश का मुख्य बंदरगाह पूरी तरह से नष्ट हो गया था और करीब तीन लाख लोग बेघर हो गए थे।  धमाके से लगभग 10 से 15 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है।

पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे लेबनान में बेरूत धमाके के बाद स्थिति और बिगड़ गई थी। लोग देशभर में सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रदर्शन कर रहे हैं, इसी बीच पूरी सरकार के इस्तीफा देने से देश में राजनीतिक संकट भी आ गया है। बीते तीन दिन में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई झड़पें हो चुकी हैं। 

सरकारी अधिकारियों के अनुसार धमाके के सिलसिले में लगभग 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनमें लेबनान के सीमा-शुल्क विभाग का प्रमुख भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया है कि इस संबंध में दो पूर्व कैबिनेट मंत्रियों समेत कई लोगों से पूछताछ की गई है।

इस्तीफे के क्या रहे कारण
लेबनान में सरकार के प्रति आक्रोश बीते लंबे समय से उपज रहा था। 2019 में सरकार की व्हाट्सएप कॉल पर टैक्स लगाने की योजना के विरोध में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे। कोरोना वायरस महामारी के चलते ये प्रदर्शन रुक गए थे लेकिन वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती गई। इसके बाद हुए विस्फोट ने जनता के गुस्से की आग में घी डालने का काम किया।

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