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20 अगस्त: 4 इस्लामिक आतंकियों की छाती छलनी कर के आज ही अमर हो गए थे लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह जी.. जिस कश्मीर को रक्त से सींचा, वो कश्मीर हमारा है

भारतवर्ष की एकता और अखंडता पर प्राण न्यौछावर करने वाले भारत माँ के वीर सपूत को आज उन के बलिदान दिवस अर्थात २० अगस्त को Sudarshan News उन्हें बारम्बार नमन , वंदन और अभिनंदन करता है

Abhay Pratap
  • Aug 20 2021 11:21AM
उम्र थी महज 26 साल पर इरादे थे इतने मजबूत की उन आँखों में अंगारे भर गए थे जिसमे अक्सर जवानी के तमाम लोगों के हसींन सपने होते हैं . ये बात हो रही है दुनिया और भारत के लिए संकट बन रहे इस्लामिक आतंक से अपनी अंतिम सांस तक लड़े भारत माता के उस परम बलिदानी लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह जी की जिन्हे उनके परम बलिदान और शौर्यपूर्ण कार्यों के लिए दिया गया अशोक चक्र ..

ये शौर्य भी उस समय का है जब बताया जाता है की सेना के जवानो को अपनी एक एक गोली का हिसाब देना पड़ता था और उनके शासन की बात है जिन्हे आज सेना के जवानो की जान लेने पर आमादा पत्थरबाज एक मासूम और भटके इंसान दिखते हैं.. बलिदानी लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह बैंस जिन्हे वीरगति उपरान्त अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था का जन्म 8 जून 1985 को हुआ था . इनके पिता श्री जोगिंदर सिंह स्वयं भारत की फ़ौज के सूबेदार मेजर थे और इनकी पूज्यनीया माता जी श्रीमती जगतिंदर कौर जी गृहणी थी.

इनकी देशभक्ति इन्हे खानदान की अमूल्य धरोहर और विरासत के रूप में मिली और उसकी सर्वोच्च पराकाष्ठा पार कोई इस वीर लेफ्टिनेंट ने. यूनिट 15 मराठा लाईट इन्फेंट्री का यह अमर जवान लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में तैनाती के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुए थे.

नवदीप 20 अगस्त 2011 को अपनी प्लाटून के साथ रात के समय जम्मू कश्मीर के कन्जालवान में तैनात थे, तभी घुसपैठ की सूचना मिली. नवदीप ने तुरंत कमान संभाली और जान की परवाह न करते हुए भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया. जब गोलीबारी के बीच वह अपने घायल साथी विजय गजरे को सुरक्षित स्थान की तरफ खींच रहे थे, तभी दुर्भाग्य से एक गोली उनके सिर में लगी.आतंकियों का काल बन चुके घायल सिंह की तरह नवदीप जख्मी होने के बावजूद भी मोर्चे पर चट्टान की तरह डटे रहे.

अंतत: नवदीप ने चौथे आतंकी को भी ढ़ेर कर दिया. नवदीप के अदम्य साहस से उत्साहित उन की प्लाटून के सैनिकों ने बाकी बचे 12 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया. नवदीप को हेलिकॉप्टर से श्री नगर सैन्य अस्पताल ले जाया गया किंतु वह बीच रास्ते में ही वीरगति को प्राप्त हो गए. गुरदासपुर के संतनगर निवासी Indian Army के बलिदानी लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को वीरगति उपरांत उनकी प्रचण्ड वीरता के लिए शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.

भारतवर्ष की एकता और अखंडता पर प्राण न्यौछावर करने वाले भारत माँ के वीर सपूत को आज उन के बलिदान दिवस अर्थात २० अगस्त को Sudarshan News उन्हें बारम्बार नमन , वंदन और अभिनंदन करता है साथ ही बिना खड्ग बिना ढाल के झूठे गाने पर सत्यता की मुहर लगे ऐसे गौरव गाथाओं को हर बार , हर दिन अपनी यथाशक्ति उठा कर जनमानस को अपने वास्तविक इतिहास से परिचित करवाने का संकल्प भी दोहराता है .. लेफ्टिनेंट नवदीन जी अमर रहें .. जय हिन्द की सेना.

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