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6 फ़रवरी- 9 सैनिकों के साथ 250 पाकिस्तानियों को मार कर आज ही अमर हो गये थे परमवीर नायक यदुनाथ सिंह और सुरक्षित रहा कश्मीर

इस महानायक ने पिकेट के कुल 9 सैनिकों की सीमित संख्या तथा सीमित गोलियों और हथगोलों की बदौलत घायल अवस्था में जम्मू कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में सैकड़ों शत्रुओं को मार गिरानें का असाधारण कार्य किया.

Rahul Pandey
  • Feb 6 2021 1:27PM
बहुत शोर सुना होगा आपने आज कल टीपू सुल्तान आदि नामो का . तमाम आधारहीन तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर जबरन ही जोड़ने के प्रयास भी देखे होंगें आप ने . लेकिन वो वीरगाथा जो आज भी गूंज रही है हिमालय की वादियों में उसकी चर्चा शायद ही सुनी होगी आप ने . 

जरा कल्पना कीजिये उन 9 योद्धाओं के बारे में जिन्हें पता था कि सामने दुश्मनों की सँख्या 250 के आस पास है, फिर भी उन्होंने इंच भर भी हटने का फैसला न किया हो और सबको मार कर अमरता प्राप्त की रही हो .. लेकिन उनके सच्चे और जीवंत इतिहास के बजाय किसी दरिंदे को जबरन महिमामण्डित करने की कोशिश करना कहीं न कहीं कथित राजनेताओं, नकली कलमकारों व झूठे इतिहासकारों द्वारा इन वीरो की आत्मा को पीड़ा पहुचाना ही माना जायेगा.

अगर कोई कहता है कि इतिहास से जरा सा भी छेड़छाड़ नही हुई तो यदुनाथ सिंह की स्मृति की गवाही ले सकता है जिनका जन्म 21 नवम्बर को हुआ था और आज के ही दिन अर्थात 6 फ़रवरी को बलिदान . लेकिन शायद ही ये गौरवशाली दिवस कुछ को छोड़ कर बाकी किसी को याद हो . 

परमवीर चक्र विजेता नायक जदुनाथ सिंह का जन्म शाहजहांपुर (उo प्रo) जनपद के खजुरी नामक गांव में 21 नवम्बर 1916 को हुआ था l इनके पिता का नाम वीरबल सिंह राठौर तथा माता का नाम जमना कंवर था l आपनें कक्षा 4 तक ही शिक्षा प्राप्त की.

गरीबी के कारण आगे की शिक्षा से वंचित रहे l 21 नवम्बर 1916 को जन्में नायक 21 नवम्बर के ही दिन वर्ष 1941 में राजपूत रेजीमेंट फतेहगढ़ में भर्ती हुये l ट्रेनिंग पूरी करनें के वाद राजपूत रेजीमेंट की 1st बटालिएन का हिस्सा बने l

कई मोर्चो पर हारने के बाद पाकिस्तान का रुख था कश्मीर के नौशेरा की तरफ . ये बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र था जो नायक यदुनाथ सिंह और उनके जांबाज़ साथियों के सुरक्षित हाथों में था . 6 फरबरी 1948 को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर पाक सेना के सैकड़ों सैनिकों ने हमला बोल दिया इस स्थान पर 9 सैनिकों की पिकेट का नेत्रत्व नायक जदुनाथ सिंह कर रहे थे l 

मुठभेड़ में पिकेट के चार सैनिक बुरी तरह घायल हो गये l नायक ने घायल सैनिक की ब्रेन गन ले ली और बचे 5 साथियों का उत्साह वर्धन करते हुये मोर्चा लेना शुरू किया l पहले घायल साथी की ब्रेन गन फिर अपनी स्टेन गन की एक एक गोली का भरपूर उपयोग किया और शत्रुओं को आगे बढ़ने से रोक दिया l 

सहायता हेतु मोर्चे पर जब भारतीय सेना की अन्य पलटन पहुँची तब नायक के 2 गोलियां लग चुकी थीं उसके बाबजूद नायक अपनी स्टेन गन से शत्रुओं से मोर्चा लेने में व्यस्त थे lइस महानायक ने पिकेट के कुल 9 सैनिकों की सीमित संख्या तथा सीमित गोलियों और हथगोलों की बदौलत घायल अवस्था में जम्मू कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में सैकड़ों शत्रुओं को मार गिरानें का असाधारण कार्य किया l 

शत्रुओं को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया lयुद्ध क्षेत्र में शत्रुओं के सम्मुख अपनें अप्रतिम शौर्य और वीरता का प्रदर्शन करने के कारण भारत सरकार ने मरणोंपरांत परमवीर चक्र दिया l इनसे पूर्व सिर्फ मेजर सोमनाथ शर्मा को ही यह चक्र मिला था l 

आज वीरो के उस परमवीर नायक यदुनाथ सिंह को उनके बलिदान दिवस पर बारम्बार नमन करते हुए उनकी यशगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प सुदर्शन परिवार लेता है. नायक यदुनाथ सिंह अमर रहें , जय हिन्द की सेना .

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