Tokyo Olympic में भारतीय स्टार रेसलर बजरंग पुनिया ने इतिहास रच दिया है. कुश्ती के 65 किलोग्राम भारवर्ग में भारत ने बजरंग पुनिया ने Bronze मेडल जीत लिया है. कसनी पदक मुकाबले में भारत के बजरंग पुनिया ने कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव को 8-0 से एकतरफा हरा तथा मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या 6 हो गई है, जो लंदन ओलिंपिक 2012 के कराबर है.
पहले राउंड में दोनों ही पहलवान आक्रामक दिखे. बजरंग ने हालांकि बेहद चतुराई से दो पॉइंट लेते हुए 2-0 की बढ़त बना ली. दूसरे राउंड में जब मुकाबल शुरू हुआ तो बजरंग अलग ही अंदाज में नजर आए. उन्होंने विपक्षी पहलवान बिल्कुल भी मौका नहीं दिया. इस राउंड में बजरंग के मूव का कजाखस्तान के पहलवान के पास कोई तोड़ नहीं था. देखते ही देखते भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने लगातार 2, 2, 2 पॉइंट्स लेते हुए बढ़त 8-0 की कर ली जो आख़िरी तक बरकरार रही. उन्हें पॉइंट्स के आधार पर विजयी घोषित कर दिया गया.
बता दें कि बजरंग पुनिया गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार थे लेकिन उन्हें सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही उनका गोल्ड जीतने का सपना अधूरा रह गया था. सेमीफाइनल में भारत के बजरंग पूनिया अजरबैजान के पहलवान हाजी अलीव से 5-12 से हार गए थे. इससे पहले बजरंग ने सफर की शुरुआत किर्गीस्तान के अर्नाजार अकमातालिएव को हराकर की थी. इसके बाद क्वॉर्टर फाइनल में ईरान के मुर्तजा चेका घियासी के खिलाफ अनुभव और कौशल का शानदार इस्तेमाल करते हुए जीत दर्ज कर सेमीफाइनल पहुंचे थे. लेकिन अंत में बजरंग ने देश को निराश नहीं किया तथा कांस्य पदक जीतकर हिन्दुस्थान को गर्वित किया है.