इस घटना के बाद स्वर्ग में बैठे वो बलिदानी जवान भी दुखी होंगे जिनकी मूर्तियाँ प्रेम सिंह बाजौर में राजस्थान भर में लगवाई. जो प्रेम सिंह बाजौर जीवनभर राष्ट्र रक्षक जवानों के हितों की लड़ाई लड़ते रहे, उनको सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे, उनके साथ आंदोलनरत कथित किसानों ने अभद्रता की, मारपीट की तथा उनके कपडे फाड़ डाले. ऐसे में सवाल उठता है कि किसान आन्दोलन का ये कैसा रूप है जो उस व्यक्ति को अपमानित कर रहा है, मारपीट कर रहा है जो जीवन भर जवानों के लिए लड़ाई लड़ता रहा.
खबरके मुताबिक़, राजस्थान के शेखावाटी इलाके के बीजेपी के नेता एवं सैनिक कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर पर कथित किसानों ने शाहजंहापुर बॉर्डर पर रविवार को हमला कर दिया. कथित किसानों ने बाजोर की गाड़ी में जमकर तोड़फोड की और उनके कपड़े तक फाड़ डाले. मारपीट में बाजोर के चोटें आई हैं. इस वारदात के बाद राजस्थान बीजेपी के नेताओं में जबर्दस्त नाराजगी है. आरोपियों का फिलहाल कोई सुराग नहीं लग पाया है.
ऐसे में सवाल तो उठता है कि किसान आन्दोलन के नाम पर ये कैसी अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. 26 जनवरी को लालकिले पर तिरंगे का अपमान किया गया. दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ हिंसा की गई. दिल्ली में इसी किसान आन्दोलन में एक युवती के साथ गैंगरेप किया गया तो एक व्यक्ति को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया. अब किसान आन्दोलन के नाम पर ही राजस्थान में बलिदानी सैनिकों के लिए संघर्ष करते रहने वाले प्रेम सिंह बाजोर पर हमला कर दिया गया. क्या किसान के नाम पर इस तरह की हिंसा व अराजकता को जायज ठहराया जा सकता है?
बताया जा रहा है कि प्रेम सिंह बाजोर अपने निजी वाहन से दिल्ली जा रहे थे. इस दौरान उनका पीए और एक दोस्त भी साथ था. अलवर जिले में स्थित शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी कथित किसानों ने प्रेम सिंह बाजोर की गाड़ी को बैरियर लगाकर रोक लिया. कथित किसानों ने गो बैक के नारे लगाने शुरू कर दिए . इस पर बाजोर समझाइश करने नीचे उतरे. उनके गाड़ी से नीचे उतरते ही कथित किसानों ने उन पर हमला बोल दिया. बाजोर की गाड़ी के शीशे तोड़ने शुरू कर दिए, उनसे मारपीट की गई तथा उनके कपड़े फाड़ दिए.
प्रेम सिंह बाजोर ने आरोप लगाया है कि आंदोलनकारियों ने उनकी गाड़ी के आगे आकर गाड़ी को रुकवाया और उसके बाद गाड़ी पर लठ मारकर शीशे तोड़ दिए. उनके साथ धक्कामुक्की की गई और लठ मारे हैं. इससे उनके चोट आई हैं. उन्होंने राजस्थान सरकार से हमलावरों को जल्द गिरफ्तार करने तथा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग की है. प्रेम सिंह बाजोर के साथ हुई इस घटना के बाद बीजेपी तथा अन्य सामजिक संगठनों में रोष व्याप्त है.
आपको बता दें कि प्रेम सिंह बाजोर ने संपूर्ण राजस्थान में बलिदानी सैनिकों की सैकड़ों प्रतिमाएं अपने पैसे से लगवाई हैं. बाजोर ने प्रदेश के करीब 1100 बलिदानियों की प्रतिमाएं बनवाने का बीड़ा उठाया है. इस पर करीब 25 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. इसके बाद राजस्थान देश का ऐसा अकेला राज्य बन जाएगा, जहां के तमाम बलिदानियों की प्रतिमाएं स्थापित होंगी. इस काम को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की तैयारी भी की जा रही है.
प्रेम सिंह बाजोर ने 1 अप्रैल, 2017 में झुंझुनूं के धनूरी गांव से शहीद(बलिदानी) सम्मान यात्रा शुरू की थी. धनूरी गांव से सर्वाधिक बलिदानी हैं. इस दौरान बाजोर ने देखा कि करगिल युद्ध के बाद के अधिकांश बलिदानियों की प्रतिमाएं लग चुकी हैं, लेकिन 1999 से पहले के प्रदेश के करीब 1100 बलिदानियों की प्रतिमाएं नहीं हैं. इस पर बाजौर ने तय किया कि वे ऐसे सभी बलिदानियों की प्रतिमाएं अपने खर्चे से बनवाएंगे. बाजोर की मानें तो शहीद सम्मान यात्रा के दौरान बलिदानियों के घरों तक पहुंचा तो कई जगह उनकी बूढ़ी मांओं ने कहा, 'म्हारै बेटे री मूरती तो लगवा दो बाजौर साब!'. बस उसी दिन फैसला कर लिया कि हर बलिदानी की प्रतिमा लगवाऊंगा तथा उन्होंने ऐसा किया भी.